भारतीय टीम में गंभीर युग की शुरुआत

गौतम गंभीर (जन्म 14 अक्टूबर 1981) क्रिकेट की दुनिया का ऐसा खिलाड़ी जो कभी हार ना मानने का जज़्बा... और अपनी शर्तों पर आगे बढ़ते रहें हैं।

.करियर

गंभीर के क्रिकेट का शुरुआती दौर

1999 में दिल्ली से घरेलू क्रिकेट की शुरुआत की। 2003 में बांग्लादेश के खिलाफ वन डे डेब्यू किया और 13 नवंबर 2004 को पहला टेस्ट मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला। अपने शानदार प्रदर्शन से भारतीय क्रिकेट में अहम भूमिका निभाई हैं।

2007 में बतौर खिलाड़ी टी 20 विश्व कप विजेता (54 गेंदों पर 75 रन)

2011 में बतौर खिलाड़ी क्रिकेट विश्व कप विजेता (122 गेंदों पर 97 रन)

2012 और 2014 में बतौर खिलाड़ी आई पी एल जीत का खिताब अपने नाम किया।

2022 और 2023 के आई पी एल में लखनऊ सुपर जायटस को बतौर मेंटर प्ले ऑफ तक ले गए।

2024 में बतौर मेंटर रहते कोलकाता नाइट राइडर्स को चैम्पियन बनाया।

.पुरस्कार

.अर्जुना पुरस्कार(2008)

. आई सी सी टेस्ट प्लेयर ऑफ़ दी इयर (2009)

. 2019 में पदम श्री से सम्मानित किया गया।

.राजनीतिक जीवन

2018 में क्रिकेट से संयास लेने के बाद राजनीतिक जीवन में कदम रखा।भारतीय जनता पार्टी से 17वीं लोकसभा के सदस्य रहें। राजनीतिक जीवन में भी कई सारे परोपकारी काम किये।

. चुनौतीयां

गंभीर की अग्नि परीक्षा शुरू

गौतम गंभीर अपने आक्रामक व्यव्हार की वजह से हमेशा सुर्खियों में छाए रहतें हैं। पिछले साल आई पी एल के दौरान विराट कोहली के बीच आपसी झड़प देखने को मिली ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि किस तरह से भारतीय टीम को आपस में जोड़े रखतें हैं और भारतीय क्रिकेट को बुलंदियों तक ले जाने में कामयाब होतें हैं।

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