भारत और मालदीव के संबंध

भारत और मालदीव समुद्री सीम साझा करने वाले पड़ोसी है। भारत की" नेबरहूड फस्ट"नीति और मालदीव का "इंडिया फस्ट "नीति दोनों देशों के बीच गहरा संबंध स्थापित करता है। हालाँकि जब भी मालदीव की सरकार बदली है तब दोनों देशों के संबंध में परिवर्तन देखने को मिला है।

ऐसे में सवाल यह उठता है कि बीते कुछ महीनों पहले दोनों देशों के बीच विवादो का कारण क्या रहा? आइए जानतें हैं।

.विवाद का मुद्दा

"इंडिया आउट "अभियान:-वर्तमान में मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु ने पूर्व सरकार की इंडिया फस्ट नीति का विरोध करते हुए अपने चुनावी यात्रा के दौरान इंडिया आउट अभियान चलाया। सत्ता में आते ही मालदीव में तैनात भारतीय सैनिक को वापस भेजने का प्रस्ताव रखा।

लक्ष्यदीप का मुद्दा:-भारतीय प्रधानमंत्री मोदी अपने लक्ष्यदीप यात्रा के दौरान वहाँ की प्राकृतिक सुंदरता का बयान ट्विटर 'X' पर एक पोस्ट के ज़रिए से दी। इसके बाद ही मालदीव के 3मंत्रियों नें प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना करते हुए अपमानजनक टिप्पणीयाँ भी कीं।

मालदीव के मंत्रियों के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ऐसा कर के मालदीव पर्यटक उधोग के लिए चुनौती पैदा करना है। भारत सरकार के इस मुद्दे को उठाने पर मालदीव सरकार ने तीनों मंत्रियों को निलंबित कर दिया। इस विवाद के कारण भारत में सोशल मिडिया पर मालदीव बॉयकॉट के नारे लगनें लगे।

भारत- मालदीव का संबंध होना महत्वपुर्ण क्यों?

.ऐतिहासिक मदद:

ऑपरेशन कैक्टस 1988:- भारतीय शास्त्र बलों नें तख्तापलट की कोशिश को नाकाम करने में मालदीव सरकार की मदद की।

ऑपरेशन सी वेव्स:-26 दिसंबर 2004 को समुद्र में आये भूकंप नें एक भयंकर त्रासदी का रूप ले लिया था। जिसमें तटीय इलाके वाले देश को पूरी तरह से तबाह कर दिया। उस समय भारत ने वायु सेना की मदद से मालदीव में राहत पहुँचाई।

ऑपरेशन नीर 2014:- वॉटर एंड सिवरेज़ कंपनी जनरेटर कंट्रोल पैनल में आग लगने से मालदीव को पेयजल संकट का सामना करना पड़ा उसी समय भारत सरकार ने मालदीव में पेयजल की आपूर्ति करवाई।

ऑपरेशन संजीवनी:- कोविड-19 के समय भारत नें दावाओं एवम वैक्सीन से मदद की।

आर्थिक दृष्टिकोण:- मालदीव की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा भाग पर्यटक उधोग पर निर्भर करता है। 2023 के अकड़े के अनुसार भारत सर्वाधिक पर्यटक भेजने वाले देशों में एक है।

व्यपारिक संबंध:- 2022 के अकड़े के अनुसार भारत सबसे बड़े व्यपार के रूप में उभरा है।

सुरक्षा संबंधी :-हिंद महासागर में चीन की "स्ट्रिंग ऑफ पलर्स "की रणनीति भारत के लिए एक चिंता का विषय है।ऐसे में हिंद महासागर में तैनात चीनी नौसेना भारत के खतरे को और ज़्यादा बढ़ा दिया है। इसलिए मालदीव के साथ भारत के अच्छे संबंध होना आवश्यक है।

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